म्हारा हिमाचल (पहाड़ी काव्य संग्रह) के अतिरिक्त पंच जगत, हिमभारती, हिमाचल जनता, हिमाचल पोस्ट, इत्यादि पत्रिकाओं एवम् दैनिक पत्रों में समय-समय पर प्रकाशित पहाड़ी काव्य-रचनाएँ ।
अन्य उपलब्धियाँ
पचास के दशक के प्रारम्भ में खड़ी बोली में कविताएँ लिखनी प्रारंभ की। 'कालान्तर में अर्थात् साठ के प्रारंभ में पहाड़ी की और प्रवृत हुआ। सन् सत्तर के प्रारम्भ में आकाशवाणी शिमला तथा भाषा-कला एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से पहाड़ी कविता का प्रसारण किया तथा राज्यस्तरीय पहाड़ी कवि गोष्ठियों/सम्मेलनों में पहाड़ी कविता के दिगज्जों से परिचय के बाद एक नवीन अनुभव की प्राप्ति हुई। नब्बे के दशक के प्रारम्भ से जलन्धर दूरदर्शन के आमन्त्रण पर समय-समय पर हिम-कलश कार्यक्रम में हि. प्र. का प्रतिनिधित्व किया।